गुरु सुरतार शबद सुन जागो।
नातर बहो भयो बेस्वारथ आखर चार जात तन नागौ।
भूखन परो जरो बेआगी बेजल बहो पार नहिं लागौ।
अनहद कहन अलख गति जाकी चित हित आय नाम निज पागौ।
ठाकुरदास मिले गुरु पूरे जूड़ीराम नाम लौ रागौ।
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