गुरु आज्ञा में निश दिन रहिये भजन / भजन Guru Aagya Mein Nish Din Rahiye Bhajan / Bhajan

 

गुरु आज्ञा में निश दिन रहिये ।
जो गुरु चाहे सोयि सोयि करिये॥

गुरु चरनन रज मस्तक दीजे ।
निज मन बुद्धि शुद्ध कर लीजे।

आँखिन ज्ञान सुअंजन दीजे ।
परम सत्य का दरशन करिये॥

गुरु आज्ञा में निश दिन रहिये॥

गुरु अँगुरी दृढ़ता से धरिये ।
साधक नाम सुनौका चढिये।

खेवटिया गुरुदेव सरन में ।
भव सागर हँस हँस के तरिये॥

गुरु आज्ञा में निश दिन रहिये॥

गुरु की महिमा अपरम्पार ।
राम धाम में करत विहार।

ज्योति स्वरूप राम दरशन को ।
गुरु के चरन चीन्ह अनुसरिये॥

गुरु आज्ञा में निश दिन रहिये॥

Laal Kavi ki Rachnaen pad

गुरु आज्ञा में निश दिन रहिये भजन भजन / पद/ मिश्रित रचना आपको कैसी लगी ?

Comments

Popular Posts

Ahmed Faraz Ghazal / अहमद फ़राज़ ग़ज़लें

अल्लामा इक़बाल ग़ज़ल /Allama Iqbal Ghazal

Ameer Minai Ghazal / अमीर मीनाई ग़ज़लें

मंगलेश डबराल की लोकप्रिय कविताएं Popular Poems of Manglesh Dabral

Ye Naina Ye Kajal / ये नैना, ये काजल, ये ज़ुल्फ़ें, ये आँचल

Akbar Allahabadi Ghazal / अकबर इलाहाबादी ग़ज़लें

Sant Surdas ji Bhajan lyrics संत श्री सूरदास जी के भजन लिरिक्स

Adil Mansuri Ghazal / आदिल मंसूरी ग़ज़लें

बुन्देली गारी गीत लोकगीत लिरिक्स Bundeli Gali Geet Lokgeet Lyrics

Mira Bai Ke Pad Arth Vyakhya मीराबाई के पद अर्थ सहित