चेत करु जोगी, बिलैया मारै मटकी॥टेक॥
ब्रह्मा के मारै विष्णु के मारै।
नारद बाबा के सभा बिच पटकी॥1॥
ज्ञानी के मारै ध्यानी के मारै।
पंडित बाबा के बेद सब सटकी॥2॥
कहै कबीर एक बेर, हमरौ पर झपटी।
काशी से लेकर मगह में पटकी॥3॥
सतगुर के सँग क्यों न गई री कबीर भजन / Satguru Ke Sang Kyon Na Gayi Ri Kabir Bhajan
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