नाम दिया बिन घट अंदयारो।
सन्त असन्त दृष्ट नहिं आवें मारग मोह अंध भ्रम भारी।
भूलौं आप आय जग मां ही ग्यान बिना गत सके न टारी।
बिन रवि किरन तिमिर नहिं भागत बिन सतसंग न जीव सुखारी।
जूड़ीराम सुरत कर सूधी बिन गुरु संध पंथ भयो भारी।
हिंदी कवि पर कविता, कहानी, ग़ज़ल - शायरी, गीत -लोकगीत, दोहे, भजन, हास्य - व्यंग्य और कुछ अन्य रचनाएं साहित्य के भंडार से
नाम दिया बिन घट अंदयारो।
सन्त असन्त दृष्ट नहिं आवें मारग मोह अंध भ्रम भारी।
भूलौं आप आय जग मां ही ग्यान बिना गत सके न टारी।
बिन रवि किरन तिमिर नहिं भागत बिन सतसंग न जीव सुखारी।
जूड़ीराम सुरत कर सूधी बिन गुरु संध पंथ भयो भारी।
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