जनक सुता पति सरन तुमारे संत जूड़ीराम भजन / Bhajan Janak Suta Pati Saran Tumare Sant Judiram Bhajan

 

जनक सुता पति सरन तुमारे
राम लछमन भरत सत्रुघ्न दशरथ जीवन प्रान पियारे।
दीन दयाल कृपाल दयानिधि सुरनर मुनि के काज समारे।
कृपा द्रिस्ट दालद्रि विनासन दीन दुखत अति अधम उधारे।
सौरी गीद सुमत कर सूधी परून पद दीनो अघ हारे।
करो उबार दास जूड़ी को दीनबंद हर वेद पुकारे।


Comments

Popular Posts

Ahmed Faraz Ghazal / अहमद फ़राज़ ग़ज़लें

अल्लामा इक़बाल ग़ज़ल /Allama Iqbal Ghazal

Ameer Minai Ghazal / अमीर मीनाई ग़ज़लें

मंगलेश डबराल की लोकप्रिय कविताएं Popular Poems of Manglesh Dabral

Ye Naina Ye Kajal / ये नैना, ये काजल, ये ज़ुल्फ़ें, ये आँचल

Akbar Allahabadi Ghazal / अकबर इलाहाबादी ग़ज़लें

Sant Surdas ji Bhajan lyrics संत श्री सूरदास जी के भजन लिरिक्स

Adil Mansuri Ghazal / आदिल मंसूरी ग़ज़लें

बुन्देली गारी गीत लोकगीत लिरिक्स Bundeli Gali Geet Lokgeet Lyrics

Mira Bai Ke Pad Arth Vyakhya मीराबाई के पद अर्थ सहित