धर्मों में सबसे बढकर हमनें ये धर्म जाना बिन्दु जी भजन
Bhajan Dharmon Mein SabseBadhkar Humne Ye Dharma Jana Bindu Ji Bhajan
धर्मों में सबसे बढकर हमनें ये धर्म जाना।
हरगिज कभी किसी के दिल का नहीं दुखाना।
कर्मों में सबसे बढकर बस कर्म तो यही है।
उपकार की वेदी पर प्राणों की बलि चढ़ाना।
विदध्या में सबसे बढकर विदध्या ये समझ ली है।
हरि रूप चराचर को मस्तक सदा झुकाना।
जितने भी बल हैं सबमें श्रेष्ठ बल यही है।
करुणा पुकार अपनी करुणेश को सुनाना।
सब साधनों में बढकर साधन यही मिला है।
प्रभु के चरण-कमल पर दृग ‘बिन्दु’ जल गिराना।
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