बताऊँ श्याम तुम्हें मैं क्या कि क्या हूँ बिन्दु जी भजन

 Bhajan Bataun Shyam TumheinMain Kya Ki Kya Hoon Bindu Ji Bhajan

बताऊँ श्याम तुम्हें मैं क्या कि क्या हूँ।
अगर पूछिए सच तो बहुरूपिया हूँ।
कभी जोश उल्फ़त में हूँ यार तेरा।
कभी कारे बदन से गुनाहगार तेरा।
कभी जिन्स तू मैं खरीदार तेरा।
कभी रूये गुल तू है मैं क्वार तेरा।
खुदी मैं कभी आके बनता ख़ुदा हूँ।
अगर पूछिए सच तो बहुरूपिया हूँ।

कभी वेद वक्ता कभी पूर्ण ज्ञानी।
कभी हूँ उपासक कभी पूर्ण ध्यानी।
कभी हूँ कुटिल क्रोध मद मोह मानी।
कभी हूँ सहज शांत मन कर्म वाणी।
कभी ब्रम्ह व्यापक अखिल सृष्टि का हूँ।
अगर पूछिए सच तो बहुरूपिया हूँ।

कभी हुस्ने यूसुफ का दम भर रहा हूँ।
कभी दारे मंसूर पर मर रहा हूँ।
कभी ग़ैर पर जो फ़िदा कर रहा हूँ।
कभी मौत अपनी से ख़ुद डर रहा हूँ।
कभी हूँ बंका और कभी मैं फना हूँ।
अगर पूछिए सच तो बहुरूपिया हूँ।

कभी कर्म योगी कभी कर्म भोगी।
कभी हूँ मैं प्रेमी कभी मैं वियोगी।
कभी स्वस्थ सुंदर कभी दीन रोगी।
कभी सत्यवादी कभी धूर्त ढोंगी।
कभी क्षीण दीपक कभी रविकला हूँ।

अगर पूछिए सच तो बहुरूपिया हूँ।
कभी खुश्क मिट्टी की शक्ल पानी।
कभी हूँ हवा औ’ फ़लक की निशानी।
कभी हूँ मैं आबे गुहर जिंदगानी।
कभी हूँ मैं बचपन बुढापा जवानी।
तमाशे में आकर तमाशा हुआ हूँ।
अगर पूछिए सच तो बहुरूपिया हूँ।

कभी दुःख ही दुःख मैं सिर पर उठाता,
कभी सुख के सागर में गोते लगाता।
कभी थाल पर थाल भोजन लुटाता।
कभी प्यास से ‘बिन्दु’ जल भी न पाता।
प्रभो आप नटवर हैं मैं नट बना हूँ।
अगर पूछिए सच तो बहुरूपिया हूँ। 

Comments

Popular Posts

Ahmed Faraz Ghazal / अहमद फ़राज़ ग़ज़लें

अल्लामा इक़बाल ग़ज़ल /Allama Iqbal Ghazal

Ameer Minai Ghazal / अमीर मीनाई ग़ज़लें

मंगलेश डबराल की लोकप्रिय कविताएं Popular Poems of Manglesh Dabral

Ye Naina Ye Kajal / ये नैना, ये काजल, ये ज़ुल्फ़ें, ये आँचल

Akbar Allahabadi Ghazal / अकबर इलाहाबादी ग़ज़लें

Sant Surdas ji Bhajan lyrics संत श्री सूरदास जी के भजन लिरिक्स

Adil Mansuri Ghazal / आदिल मंसूरी ग़ज़लें

बुन्देली गारी गीत लोकगीत लिरिक्स Bundeli Gali Geet Lokgeet Lyrics

Mira Bai Ke Pad Arth Vyakhya मीराबाई के पद अर्थ सहित