Ab Ka Sovai Sakhi Lalit KishoriBhajan
अब का सोवै सखि। जाग जाग।
रैन बिहात जातरस-बिरियाँ, चोलीके बँद ताग ताग॥
जोबन उमँग सकल कर बौरी आन-कान सब त्याग त्याग।
ललितकिसोरी लूट अनँदवा, पीतमके गर लाग लाग॥
बिंदु जी महाराज के भजन / पद / लिरिक्स Bindu Ji ke Bhajan /Pad /Lyrics
No comments:
Post a Comment