घोड़ी रा उर खुर राचणां जी, घोड़ी कहां से मंगाई।
घोड़ी म्हारे दादाजी रे देश, घोड़ी वहां से मंगाई।
घोड़ी म्हारा नानाजी रे देश, घोड़ी वहां से मंगाई।
चढ़ चढ़ ओ बन्ना लाड़ला, पाछै सब भाई।
घोड़ी रा उर खुर राचणां जी, घोड़ी कहां से मंगाई।
थारां ताऊजी री रा देश, घोड़ी वहां से मंगाई।
चढ़ चढ़ ओ बन्ना लाड़ला, पाछै सब भाई।
नोट- इसी प्रकार गीत आगे बढ़ाएं।
बना के गीत / 24 / राजस्थानी गीत लोकगीत लिरिक्स - Bana Ke Geet 24 Rajasthani Geet Lokgeet Lyrics
बना के गीत / 25 / राजस्थानी गीत लोकगीत लिरिक्स - Bana Ke Geet 25 Rajasthani Geet Lokgeet Lyrics
No comments:
Post a Comment