मूँग कहे म्हारो सुणो विचार सब धाना में मैं सिरदार।
म्हारी छै जी हरी दाल भांत-2 का बणसी माल।
जौ कहे म्हारो सुणो विचार सब धाना में मैं सिरदार।
म्हारी कहीजे तीखी अणी मने खावे धीणा का धणी।
चणों कहे म्हारो सुणो विचार सब धाना में मैं सिरदार।
म्हारी छै जी पीली दाल तीवण होसी जी तीस बत्तीस।
बाजरो कहे म्हारो सुणो विचार सब धाना में मैं सिरदार।
म्हारो छै मोटोड़ो पेट दो मूसल सू मैं र लाडू।
गेहूं कहे म्हारो सुणो विचार सब धाना में मैं सिरदार।
म्हारी छै जी गेहुआं री लोय मने खावे नगरी रो सेठ।
राजस्थानी शादी ब्याह वैवाहिक मारवाड़ी गीत लोकगीत अगले ---> पृष्ठ पर
Rajasthani Lokgeet Lyrics in Hindi राजस्थानी लोकगीत लिरिक्स अगले ---> पृष्ठ पर
No comments:
Post a Comment