कायागढ़ महलिया के अद्भुत शहरिया इन्द्रमती भजन / भजन Kayagadh Mahliya Ke Adbhut Shahariya Indramati Bhajan / Bhajan

 

कायागढ़ महलिया के अद्भुत शहरिया, अद्भुत शहरिया,
जहाँ से बरसे, झीरी झीरी लाल मोतिया॥टेक॥
त्रिकुटी महलिया से देखलौं हे सखिया, देखलौं हे सखिया,
जहाँ रे झलके, गगन के हे अटरिया॥1॥
गगन अटरिया के लागल रसरिया, लागल रसरिया,
जहाँ रे झलके, बलमुआ के घर के पतली हे डगरिया॥2॥
सोलह कमल दल के ऊपर हे सखिया, ऊपर हे सखिया,
जहाँ रे बसे, पिया अलख रूपिया, पिया अलख रूपिया॥3॥
गुप्त कोठरिया में सत के सेजरिया, सत के सेजरिया,
जहाँ रे सूतल पियवा, ओढ़ि के हे चदरिया॥4॥
इन्द्रमती रानी गायली झूमरिया, गायली झूमरिया,
जहाँ से लागी हे गलै गुरु से हे सनेहिया॥5॥

Laal Kavi ki Rachnaen pad

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