ऐलो यमो के सनेश /Ailo Yamo Ke Sanesh, Ramdhari Singh Kavyatirth

 

ऐलोॅ यमोॅ के सनेश करलेॅ जाय के तैयारी रे
चेतें-चेतें नाम सुमरै जे छै कल्याणकारी रे

सिर के बाल होलौ ऊजरोॅ मोतियाबिंद आँखी में
कानों सेॅ सुनै छै उच्चोॅ दाँ के हिलना जारी रे

कमर होय गेलौ कुबड़ोॅ तोंय लेलें लाठी सहारा
गेलौं देहों के ताकत भेलौ तन में बीमारी रे

छुटलौ तिरिया सेॅ पिरीत समाजो सब होलौ विपरीत
बनलौ भितरोॅ मतलब के झूठा सब दुनियादारी रेॅ

भजें भगवान केॅ दिन-रात मनों आशा राखी केॅ
‘राम’ वहेॅ सब कुछ छै वहेॅ एक सहायकारी रे।



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